डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति पद की जीत ने डॉलर को मजबूत करते हुए भारतीय रुपये को अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। 7 नवंबर, 2024 को रुपया गिरकर 84.2950 पर आ गया, जो चुनाव परिणामों के बाद डॉलर में तेजी का नतीजा है। ट्रंप के नेतृत्व में अपेक्षित कर कटौती और प्रोटेक्शनिज़्म से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता है, जिससे निवेशक डॉलर को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस बीच, RBI द्वारा सीमित हस्तक्षेप किया जा रहा है, जो निकट भविष्य में 84.40 की सीमा पर स्थिरता की उम्मीद करता है।
वैश्विक और भारतीय बाजार पर प्रभाव
ट्रंप की जीत से वैश्विक वित्तीय बाजारों में सकारात्मक उछाल देखा गया। S&P 500 और Dow Jones में वृद्धि हुई, जबकि बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी भी नई ऊंचाई पर पहुंच गए। डॉलर इंडेक्स में 1.5% की बढ़त ने यह साफ किया कि निवेशक डॉलर को सुरक्षित संपत्ति के रूप में देख रहे हैं, जो यूरो और एशियाई मुद्राओं पर दबाव डाल रहा है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित असर
डॉलर के मजबूत होने से कई भारतीय आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर असर पड़ सकता है:
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खाना पकाने का तेल: 60% से अधिक खाद्य तेल का आयात होने के कारण, कीमतों में वृद्धि की संभावना है।
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ईंधन: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है, जिससे परिवहन और अन्य वस्तुओं की लागत भी बढ़ेगी।
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इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण: डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट से स्मार्टफोन और अन्य गैजेट्स महंगे हो सकते हैं।
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शिक्षा: विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को उच्च ट्यूशन और रहने के खर्च का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने अमेरिकी डॉलर को मजबूती दी है और भारतीय रुपये पर दबाव डाला है। आने वाले समय में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से भारतीयों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है।
Disclaimer: यह सामग्री केवल सूचना उद्देश्यों के लिए है और निवेश सलाह नहीं है। कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। किसी भी प्रकार के लाभ या हानि के लिए Finowings जिम्मेदार नहीं होगा।
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