RBI ने आज 6 दिसंबर 2024 को FY25 की 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा। मौद्रिक नीति का रुख “Neutral” है। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 4% किया गया।
क्यों नहीं घटाई गई Repo Rate?
RBI ने रेपो रेट को स्थिर रखने के कई प्रमुख कारण बताए:
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महंगाई पर नियंत्रण: मुद्रास्फीति को 4% ± 2% के लक्ष्य सीमा में रखने के लिए Repo rate स्थिर रखा गया है।
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वैश्विक परिस्थितियाँ: US फेडरल रिजर्व के रेट और भू-राजनीतिक तनाव जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण।
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आर्थिक वृद्धि: आर्थिक विकास को स्थिर रखते हुए दरों को अपरिवर्तित रखा गया।
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पहले किए गए बदलावों का आकलन: हाल के दर परिवर्तनों के प्रभाव को समझने के लिए।
CRR में कटौती क्यों?
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तरलता बढ़ाना: बैंकों को ₹1.16 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता मिलेगी।
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बैंकिंग प्रणाली में सुधार: बैंकों को अतिरिक्त धनराशि का उपयोग ऋण देने में करने का अवसर मिलेगा।
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अर्थव्यवस्था को समर्थन: GST भुगतान और तिमाही क्रेडिट मांग के कारण उत्पन्न तरलता की कमी को संतुलित करना।
निष्कर्ष
RBI ने मुद्रास्फीति नियंत्रण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रखा है। CRR कटौती से बैंकिंग क्षेत्र में तरलता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। मौद्रिक नीति का यह सतर्क रुख देश की दीर्घकालिक स्थिरता पर केंद्रित है।
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